मध्यप्रदेश की खजुराहो सीट लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही चर्चाओं में बनी हुई है। प्रदेश की यह एकमात्र सीट है, जो INDIA गठबंधन के सीट शेयरिंग फॉर्मूला के तहत कांग्रेस द्वारा समाजवादी पार्टी को दी गई थी। लेकिन, समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी का पर्चा निरस्त होने के बाद इस सीट की राजनीत और अधिक एकतरफ़ा होती नजर आ रही है। अब खजुराहो से वर्तमान सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के सामने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी व पूर्व आईएएस आर. बी. प्रजापति चुनाव लड़ेंगे। ये सब होने के बाद भी वीडी शर्मा को चिंता सता रही है। ये चिंता किस बात की है? जानेंगे इस खास रिपोर्ट में। साथ ही नज़र डालेंगे खजुराहो लोकसभा सीट के इतिहास और कुछ हालिया घटनाक्रमों पर
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी आर.बी. प्रजापति को भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों का समर्थन प्राप्त है। वे पढे लिखे उम्मीदवार हैं, पूर्व में प्रशासनिक अधिकारी भी रहे हैं। ‘राजा भैया’ के नाम से प्रसिद्ध प्रजापति की एक साफ छवि वाले नेता के रूप में ख्याति भी है। यूं तो खजुराहो के फूलों की मांग विदेश तक है। मगर 2024 के लोकसभा चुनाव में राजा भैया के लिए कदम-कदम पर कांटे हैं।
पहला कांटा है – भाजपा का इस सीट पर पिछले 20 सालों से कब्ज़ा। दूसरा 2023 विधानसभा चुनाव में खजुराहो की सभी 8 विधानसभा सीटों पर भाजपा ही जीती थी। तीसरा इस सीट पर दो बार समीकरण बदले। पहली बार जब INDIA गठबंधन के सीट शेयरिंग फॉर्मूला के तहत यह सीट कांग्रेस से समाजवादी पार्टी को गई। दूसरी बार जब समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा निरस्त हुआ। यदि ये दोनों घटनाएं नहीं भी होतीं। तब भी विपक्ष का इस सीट से वीडी शर्मा को हरा पाना आसान नहीं था।
इस दावे को मजबूती पिछले लोकसभा चुनाव के आँकड़े प्रदान करते हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में वीडी शर्मा के सामने कांग्रेस की कविता सिंह चुनाव लड़ीं और 5 लाख से अधिक वोटों से हार गईं। तब सपा प्रत्याशी वीर सिंह पटेल को भी कुल 40 हजार 77 वोट ही मिले थे। ऐसे में विपक्ष आर. बी. प्रजापति को टिकट देकर भी उसी स्थिति में है, जैसा पिछले चुनाव में था। बल्कि, इस बार स्थिति 2019 से थोड़ी बेहतर है। क्योंकि आर.बी. प्रजापति को इस बार फॉरवर्ड ब्लॉक के साथ साथ सपा और कांग्रेस के समर्थक भी वोट देंगे। इस बात को ध्यान में रखकर विपक्ष इस सीट पर ढाई लाख यादव वोटर, एक लाख मुस्लिम और डेढ़ लाख कुर्मी मतदाताओं को साधने में लगी हुई है।
आपक बता दें कि समाजवादी पार्टी ने खजुराहो सीट से मीरा यादव को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन, मीरा यादव ने नामांकन फॉर्म में एक जगह हस्ताक्षर नहीं किए थे और फॉर्म के साथ मतदाताओं की पुरानी सूची लगा दी थी। इस वजह से मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया था। हालांकि, इस बात पर बहुत बवाल भी हुआ था। सपा-कांग्रेस ने भाजपा पर चुनाव प्रक्रिया में धांधली करने के आरोप भी लगाए थे। मगर पर्चा निरस्त हुआ तो निरस्त ही रहा और अंत में प्रत्याशी बदलना पड़ा।
विपक्ष के इन सभी प्रयासों से भाजपा प्रत्याशी वीडी शर्मा के आगे मार्जिन की समस्या खड़ी हो गई है। वीडी यहाँ से मौजूदा सांसद है। ऐसे में उनका फोकस जीत का मार्जिन बढ़ाने पर है। इसलिए वे रोज़ 30 से 40 गांवों के चक्कर लगा रहे हैं। उनका टारगेट है कि हर गली, हर कूँचे से मतदाताओं को निकालकर पोलिंग बूथ तक लाया जाए और वोट करवाए जाएं।
प्रचार की बात की जाए तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खजुराहो आकर सभा कर चुके हैं। सीएम मोहन का भी रोड शो हो गया। इतना काफी नहीं था तो पिछले दिनों दमोह पधारे प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण के दौरान वीडी शर्मा की तारीफ भी कर दी। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दिखने में दुबले-पतले हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में उनके प्रयासों ने एमपी में इतिहास रच दिया।
बीजेपी एक तरह से इस सीट का वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने पर भी ज़ोर दे रही है। इसके लिए वह हर बूथ के कार्यकर्ताओं को ऐक्टिव करने के साथ साथ स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को भी साधने में लगी हुई है।
अब बात करते हैं वीडी के विपक्षी उम्मीदवार आ.बी. प्रजापति की। प्रजापति का चुनाव चिह्न ‘शेर’ है, लेकिन मतदान की तारीखों से पहले यह कितने वोटरों तक पहुँच पाएगा, ये बड़ी चुनौती है। बीच में ये ख़बर भी आई थी कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव संयुक्त रूप से खजुराहो में रोड शो करेंगे। लेकिन, 4 दिन बाद सीट पर मतदान होना है और अभी तक रोड शो की कोई जानकारी नहीं है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सपा प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा निरस्त होने के बाद खजुराहो में वीडी शर्मा की जीत एकतरफा मानी जा रही थी। लेकिन, हाल ही में प्रजापति ने यह बयान दे दिया है कि उन्हें डराया जा रहा है। उनके समर्थन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी बयान दिया है कि खजुराहो में कलेक्टर भाजपा के नौकर की तरह काम कर रहे हैं। इसका फायदा कुछ हद तक प्रजापति को मिल सकता है।
बहरहाल, इस सीट पर इन दो उम्मीदवारों के अलावा बसपा के कमलेश कुमार पटेल और गोंगपा के पंकज मौर्य समेत 14 उम्मीदवार हैं। लेकिन वीडी शर्मा के अलावा मैदान में किसी ठोस चेहरे की मौजूदगी नहीं है। न गलियों में किसी दूसरी पार्टी या प्रत्याशी के झंडे हैं, न कोई सभा या बैठक आयोजित हो रही है। वीडी और आर.बी. प्रजापति दोनों की किस्मत का फैसला खजुराहो के करीब 20 लाख वोटर 26 अप्रैल को करेंगे।