आचार संहिता हटने के बाद से ही मध्यप्रदेश सरकार ने बजट 2024-25 के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्य का पूर्ण बजट जुलाई माह में होने जा रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। संभावित तारीख 15 जुलाई बताई जा रही है। मध्यप्रदेश सरकार के इस साल के बजट का पूरा फोकस लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के पूर्व मतदाताओं को लुभाने के लिए शुरू की गई योजनाओं को धरातल पर उतारने और एक लाख करोड़ का निवेश लाने पर केंद्रित होगी। तो चलिए, बजट जारी होने के पहले ही आपको मध्यप्रदेश बजट 2024-25 से जुड़ी वो बातें बता देते हैं, जो अब तक सामने आ चुकी हैं।
क्या शिवराज की लाड़ली बहनों को आवास देगी मोहन सरकार?
मोहन सरकार के 6 माह पूरे हो गए हैं। अब आगे की राह बहुत हद तक आने वाले बजट पर निर्भर करेगी। सबसे पहले बात लाड़ली बहना योजना की कर ली जाए। विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए गेमचेंजर साबित हुई इस योजना ने लोकसभा चुनाव में भी प्रदेश की महिला वोटरों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसे में इसे जारी रखना सरकार के हित में होगा। अपने 6 माह की सरकार में मुख्यमंत्री मोहन यादव लाड़ली बहना योजना पर कुल 9455 करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं। सीएम मोहन इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि चुनाव के पहले शुरू की गई कोई भी योजना बंद नहीं होगी। सरकार इस साल के बजट में लाड़ली बहनों के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की राशि पेश करने वाली है, जिससे यह योजना कम से कम मार्च 2025 तक नियमित रूप से संचालित की जा सके। महिलाओं के लिए किए गए चुनावी वादों में लाड़ली बहनों को मुफ़्त आवास भी शामिल था, इसे लेकर क्या घोषणाएं होती हैं, यह देखने लायक होगा। इसके अलावा लाड़ली बहनों के घरों के गैस सिलेंडरों की 450 में रीफीलिंग की गई है, इसे ऐसे ही जारी रहने दिया जाएगा।
7 लाख युवाओं को ऋण देगी मोहन सरकार:
बजट में युवाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। क्योंकि प्रदेश में रोजगार को लेकर युवाओं में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है, जो आगे जाकर सरकार के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए 7 लाख युवाओं को 5 हजार करोड़ रुपए का ऋण वितरित करने की तैयारी की जा रही है। इसी तरह सीखो कमाओ योजना के तहत युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के साथ साथ स्टाईपेंड भी दिया जाना जारी रहेगा। सीएम का कहना है कि चुनावों के पूर्व 456 संकल्प लिए गए थे, जिनमें से 41 पूरे हो चुके हैं, 218 पर तेजी से काम जारी है।
55 सरकारी कॉलेजों के कायापलट पर खर्च होंगे 485 करोड़:
अब उच्च शिक्षा पर आया जाए, तो सरकार इस हेतु 1 हजार करोड़ रुपए का बजट रख सकती है। प्रदेश के 55 सरकारी कॉलेजों को पीएम उत्कृष्ट कॉलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें करीब 485 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। 8 सरकारी यूनिवर्सिटी में 400 करोड़ की लागत से विकास कार्य होंगे। इसी सत्र में 35 नए व्यावसायिक विषय पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे।
1450 किलोमीटर का राम वनगमन पथ तैयार होगा:
एक और बड़ी बात ये है कि मोहन सरकार ने ‘राम वनगमन पथ’ बनाने की तैयारी पूरी कर ली है। प्रदेश में जहां-जहां श्री राम के चरण पड़े, उन क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। 1450 किलोमीटर लंबा पथ तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित होगा। इसके अलावा अयोध्या में मध्यप्रदेश के भक्तों के लिए धर्मशाला भी बनेगी।
1 लाख करोड़ का निवेश लाने की तैयारी पूरी:
सरकार उद्योगों के विकास और औद्योगिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के संबंध में भी कई घोषणाएं कर सकती है। उज्जैन रीजनल कोनक्लेव में पहले ही 10 हजार करोड़ की 60 से अधिक इकाइयों की शुरुआत हो चुकी है। इसी के साथ मध्यप्रदेश के इतिहास के सबसे बड़े निवेश को भी मंजूरी मिल गई है। सीहोर के आष्टा में देश का सबसे बड़ा एथेन क्रैकर प्लांट बनने जा रहा है। गैस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) से इसके लिए करार हो चुका है। ऐसे ही कई प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का काम जारी रहेगा। 14 जून को ख़बर आई कि प्रदेश के सभी बड़े शहरों के बाज़ारों को 24 घंटे खुला रखा जाएगा। इसके लिए इसी सप्ताह अधिसूचना जारी की जाएगी। इस फैसले से यह साफ है कि सरकार प्रदेश की ये बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर काम करने वाली है।
संभावित है कि इस बार मध्यप्रदेश सरकार का बजट 3 लाख करोड़ के पार जा सकता है।